जब ग्रह दोष जीवन में बाधाएं उत्पन्न करते हैं, तब नवग्रह तंत्र अनुष्ठान आवश्यक होता है। इसमें नवग्रहों के मंत्र, तांत्रिक हवन, यंत्र-स्थापना आदि द्वारा ग्रहों को संतुलित किया जाता है।
अघोर आश्रम उज्जैन में यह प्रक्रिया पूज्य अचलनाथ महाराज की निगरानी में की जाती है। खासतौर से राहु, केतु, शनि के दोष के लिए यह अत्यधिक प्रभावशाली है।