श्री यंत्र को “लक्ष्मी का वास्तु” कहा गया है। जब यह यंत्र सिद्ध होकर घर या व्यापार स्थल में स्थापित होता है तो धन, समृद्धि और स्थिरता आती है।

अचलनाथ महाराज द्वारा श्री यंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा, दीपपूजन और विशेष अनुष्ठान कराकर साधक को उसकी स्थापना कराई जाती है।