अघोरी जीवन त्याग, ब्रह्मचर्य, समाधि और सेवा का मिश्रण होता है। यह साधक को माया से परे ले जाकर शिव से जोड़ता है।

अघोर आश्रम उज्जैन में आज भी यह परंपरा पूज्य अचलनाथ महाराज के नेतृत्व में जीवंत है। वे नए साधकों को अघोर दर्शन, साधना पद्धति, और तांत्रिक चेतना से जोड़ते हैं।